उस्मान ख्वाजा मुश्किल में पढ़ते हुए दिख रहे हैं क्योंकि उन्हें अपने जूते के कारण पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले पहले टेस्ट के शुरुआती दिन में भाग लेने से प्रतिबंध लग सकता है समस्या ख्वाजा की जूते के करण हो रही है जिनके जूते पर गाजा में फिलिस्तीन की दुर्दशा को प्रदर्शित करते हुए ‘स्वतंत्रता एक मानव अधिकार है’ और ‘सभी का जीवन समान है’ जैसे नारे लिखे हुए हैं।
7 अक्टूबर को इजरायल द्वारा हमास पर किए गए हमलो को देख कर ख्वाजा के मन संकट पूर्ण दृश्य को देखकर चिंता व्यक्त की थी | उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर अपनी बातों को सजा किया जिस पर वह सवाल उठाए यह बहुत गलत हो रहा है।
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ख्वाजा के जूते के वजह से शुरू हुआ था विवाद
इस साल की वर्ल्ड कप के विजेता ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच तीन मैचों का टेस्ट सीरीज 14 दिसंबर को पर्थ में शुरू होने वाला है, लेकिन ख्वाजा के जूते ने मैच से पहले ही खलन पैदा कर दिया है बुधवार को ट्रेनिंग सेशन के दौरान नोटिस किया गया कि ऑस्ट्रेलिया का ओपनर बल्लेबाज जूते पर कुछ विवादित बातें लिखे हुए पहने हैं।
ख्वाजा को पहले ही दिन पर्थ में होने वाले पहले ही टेस्ट में कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि उनके जूते पर कुछ राजनीतिक नारे लिखा हुआ है, रिपोर्ट के माने तो आईसीसी ने यह प्रतिबंध लगाया है, कि किसी भी प्लेयर को राजनीतिक बातें लिखे हुए कपड़े नहीं पहनना है।
आईसीसी के नियम के अनुसार किसी भी खिलाड़ी या अधिकारी के कपड़ों पर या उनके उपकरण पर संदेश प्रदर्शित करने से रोकता है जब तक की आईसीसी उन्हें पहले से मंजूरी न दें।
उस्मान ख्वाजा पर लग सकता है मैच फीस
आईसीसी के इन नियमों का उल्लंघन करने के परिणाम और स्पष्ट है अगर ख्वाजा विवादित जूते के साथ मैदान पर आते हैं, तो उन्हें पर्थ टेस्ट के मैच के दौरान रेफरी श्रीनाथ जवागल द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। अगर यह उनका पहली बार गलती है, तो उन्हें फटकार लगाई जा सकती हैं और बाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए 75% मैच फीस का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
आईसीसी इस बात पर ध्यान देती है कि क्रिकेट मैच विश्व स्तर पर लोगों और समुदाय को एक साथ ला सके लेकिन संभावित विभाजनकारी राजनीतिक मुद्दों या एजेंडों पर इसमें भाग लेने वाले खिलाड़ियों को ध्यान नहीं देना चाहिए।