12वीं फेल आईपीएस मनोज कुमार शर्मा की जीवनी, प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

12वीं फेल आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा की जीवनी, प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
Share it's Free

विधु विनोद चोपड़ा हिंदी भाषा की जीवनी पर आधारित फिल्म 12वीं फेल के निर्माता, लेखक और निर्देशक हैं, जो 2023 में रिलीज हुई। यह फिल्म अनुराग पाठक की 2019 में लिखी गई इसी नाम की नॉन-फिक्शन(Non-fiction) किताब पर आधारित है, जो एक सच्ची कहानी दिखाती है। भारतीय पुलिस सेवा के एक आईपीएस अधिकारी, मनोज कुमार शर्मा, जो बहुत ही गरीबी से उठकर एक अधिकारी बने।

12वीं फेल आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा की जीवनी प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

फिल्म में विक्रांत मैसी के साथ मेधा शंकर, अनंत वी जोशी, अंशुमान पुष्कर और प्रियांशु चटर्जी मुख्य भूमिका में आपको दिखाए गए हैं। 12वीं फ़ेल 27 अक्टूबर, 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई, लोगो को यह Movie बहुत पसंद आया और पूरी भारत में सुपर हिट बन गई, जिसने ₹20 करोड़ (US$2.5 मिलियन डॉलर) के बजट पर बनी फिल्म वैश्विक स्तर पर ₹66 करोड़ (US$8.3 मिलियन) से अधिक की कमाई कर चूकी हैं।

12वीं फेल आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा की जीवनी

12th Fail IPS Officer Major Kumar Sharma Biography

आईपीएस मनोज कुमार शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा

अपने गावं के स्कूल से मनोज कुमार शर्मा ने आठवीं कक्षा आसानी से पास कर ली। उसके बाद, वह नौवीं और दसवीं परीक्षा में नकल करके पास हुए। इसके बाद उन्होंने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में महारानी लक्ष्मी बाई गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस 11 Class में दाखिला लिया और वहां भी ग्यारहवीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण करने में सफल रहे।

हालांकि, जब 12वीं की परीक्षा हुई तो वह फेल हो गए. क्योंकी जिस दिन Exam हुआ उस समय वहाँ की एसडीएम आई हुई थी और चेकिंग कर रही थी । जिसके कारण नक़ल नहीं कर पाए और दिन भर बैठे रहे रिजल्ट जब आया तो वह फेल हो गए ।

Also Read- भजन लाल शर्मा राजस्थान के नए मुख्यमंत्री का जीवनी

12वीं में फेल होने के बाद मनोज शर्मा

12वीं की परीक्षा में जब वहाँ के डीएसपी दुष्यन्त सिंह का जॉब लगती थी तब वह नक़ल नहीं होते थें , तो सभी छात्र फेल हो जाते हैं। डीएसपी दुष्यंत ने मनोज को सलाह दी की पेपर में नक़ल करना छोड़ दे। एक वर्ष के बाद, मनोज बी.ए. के परीक्षा में सभी विषय में Grade ए प्राप्त हुआ । जब B.A की पढाई पूरी हो गई तब उन्हें लगा की वह हिंदी और इतिहास में तो वह डीएसपी बन सकते हैं। हालाँकि, डीएसपी बनने का उनका लक्ष्य तब ख़तम हो गया जब सरकार ने एमपीपीएससी(MPPSC) मूल्यांकन को तीन साल के लिए रद्द करने का फैसला किया।

Author: Nikhil Kumar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *